बनठन चले देखो शिव की बारात -३
दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज -२
बाजे नगाड़ा ढोल डमरू का साज
दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज -३
संग में लेके चले बाराती भूत प्रेत की टोली
शुक शनिचर संग में नाचे और नाचे अघोरी
हुआ रंगीन आज सबका मिजाज
दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज -३
भस्म लगाए तन पे पहने देखो मृग की छाला
देख छटा हर कोई दंग है दूल्हा गजब निराला
नाग गले सर चंदा का ताज
दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज -३
कोई गांजा चिल्लम चढ़ाये भंगिया कोई खाये
ज्योति शर्मा हाथ जोड़कर शिव का भजन सुनाये
किसी के ना पैर ना किसी के हाथ
दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज
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