लोकी पुछदे ने हाल की बनायीं
डुंगरी वाले ने कमली बनाया
१
बिना धुए दे अग पगी तुग्दी-२
कोई पुछदे ने कहानी मेरे दुःख दी
ओ होकेया ने श्याम न बुलाया
डुंगरी वाले ने कमली बनाया
२
गुरु जी कायल ते करके मैनु तकिया
सदा आके ही हाल मेरा पुछेया
तेरे प्रेम ने डाडा तड़पाया
डुंगरी वाले ने कमली बनाया
३
दासी दंजुआ दे हारते पिरोके
नाले डर दिए तुक लुक रोवे
तेरिया यादा ने मेनू रुलाया
डुंगरी वाले ने कमली बनाया
४
गुरु जी इक दिन मेरे घर आयी ते
अपनी कमली डा हाल सुण जाई वे
मेता रोग जुदाई वाला लाया
डुंगरी वाले ने कमली बनाया
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