कमल नदन भव, सिंधु निवासी -२
दो दर्शन प्रभु,अखियाँ प्यासी -२
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नाभी पर कमल विराजे,कमल के ऊपर ब्रम्हा साजे -२
चरनन बैठी लक्ष्मी शेष की सैया हे चक्र धारी,
हे मृदु भाषी दो दर्शन प्रभु अखियाँ प्यासी
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रूप अश्क स्वरूप पुनिता,कोमल अधर बदन नवनीता -२
कोश विशेष स्थाह घुंघराले,मोहक चितवन नैना वाले
जैसे चंद्र की पुराण माशी,दो दर्शन प्रभु अंखिया प्यासी
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गोल कपोत अति सुन्दर, शीतल सुन्दर हो मधुर मनोहर
शोक चक्र गया पदम् की धरी,विनय सुनी के लीला धारी
एक झलक के हम अभिलाषी,दो दर्शन है प्रभु अंखिया प्यासी
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