Current Date: 17 Nov, 2024

दीवानी बन जाउंगी

- श्री चित्र विचित्र जी महराज।


मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी, मस्तानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी। 

जब मेरे श्याम जी को भूख लगेगी,
माखन की मटकी और मिश्री बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी। 

जब मेरे श्याम जी को प्यास लगेगी,
मीठी मीठी दहिया की लस्सी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी। 

जब मेरे श्याम जी को नींद आएगी,
रेशम की चादर और तकिया बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी। 

‘चित्र विचित्र’ ने शोर मचाया,
मन मोहन के मन की रानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी। 

मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी, मस्तानी बन जाउंगी,
मैं तो अपने श्याम की दिवानी बन जाउंगी। 

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