नाच रहे कावड़िया तेरे नाच रहे भोले,
अरे भर के लौटा भंगिया का पि के नाच रहे भोले।।
दीवाने तेरे नाम के ये गावे बम बम लहरी,
तेरी मस्ती है सबसे न्यारी कहती दुनिया सारी,
चाले पाड़ रहे भोले चाले पाड़ रहे भोले,
अरे भर के लौटा भंगिया का पि के नाच रहे भोले।।
तेरे मंदिरो की रौनक भोले कैसी मस्ती छाई,
रिम झिम हो रही भगतों ने कावड़ लाई,
हो मेले लाग रहे भोले मेले लाग रहे भोले,
अरे भर के लौटा भंगिया का पि के नाच रहे भोले।।
गुरु पंडितयो देख नज़ारा गया भगती में डूब,
गुरु ॐ तेरो भजनो की उठी कसूती धूल,
संदीप गा रहा भोले योगी गा रहा भोले,
अरे भर के लौटा भंगिया का पि के नाच रहे भोले।।
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