Current Date: 24 Nov, 2024

दिलदार यार म्हाने तो

- संजय मित्तल जी।


दिलदार यार म्हाने तो,
निभानो पड़सी,
छुपकर के भायला तू,
क्या मैं बड़सी,
श्याम छुपकर के भायला तू,
क्या मैं बड़सी,
दिलदार यार म्हाने तो,
निभानो पड़सी।।

तू है साथ साथ म्हारे,
म्हारे यो गुमान है,
इतनी ऊँची हस्ती से,
म्हारी पहचान है,
बैरी जमानो म्हारो,
कई करसि,
दिलदार यार म्हाणे तो,
निभानो पड़सी।।

रात दिन मैं तो तेरे,
आगे पीछे डोला,
दूजो ना श्याम जी सो,
दुनिया ने बोला,
इतनी वकालत तेरी,
कुंण करसि,
दिलदार यार म्हाणे तो,
निभानो पड़सी।।

कुछ भी ना चिंता म्हणे,
घर परिवार की,
मिल रही सेवा प्रभु,
तेरे दरबार की,
म्हारो हर्जानो सारो,
तू ही भरसी,
दिलदार यार म्हाणे तो,
निभानो पड़सी।।

टूटे ना भरोसो म्हारो,
‘बिन्नू’ की विनय है,
बड़ो ही दयालु दाता,
तेरो तो ह्रदय है,
जद भी बुलावा तन्ने,
आया सरसी,
दिलदार यार म्हाणे तो,
निभानो पड़सी।।

दिलदार यार म्हाने तो,
निभानो पड़सी,
छुपकर के भायला तू,
क्या मैं बड़सी,
श्याम छुपकर के भायला तू,
क्या मैं बड़सी,
दिलदार यार म्हाने तो,
निभानो पड़सी।।

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