Current Date: 19 Dec, 2024

दिल से बंधी एक डोर

- Sanskar Gupta


दिल से बंधी एक डोर जो खाटू जाती है 
बाबा से हमको तो ये मिलाती है 
दिल में ये प्यार के गुलाल जोखिल खिल जाते है 
हमको तो खाटू ये ले जाते है 

खाटू तो अपना खाटू में अपना एक प्यारा सा बाबा है 
रौशन होगा खाटू अपना वहां पे तो श्याम बाबा है 
सच होने वाला है हर एक सपना 
मिलने वाला है अब हमे अपना 
दिल की ये बगिया महक जाती है 

बिन बोले ही सब कुछ हमको बाबा हमारे दे देते 
सब अपने ही बन जाते है जब ये किरपा कर देते है 
रिश्ता जो इनका भाता है खाटू से बाबा आता है 
इनकी ये किरपा हमें मिल जाती है 

रंग गुलाल और ये होली बाबा संग लगे प्यारी 
झिलमिल हो गयी  है ये अंखिया बाबा तेरी दीवानी 
तुमसे मिलने आये है हम दर्शन देना कहते है हम 
तेरी ये किरपा बरस जाती है 
दिल से बंधी एक डोर जो खाटू जाती है 
बाबा से हमको तो ये मिलाती है 

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