धरती कहे पुकार के लिरिक्स हिंदी में (Dharti Kahe Pukar Ke Lyrics In Hindi)
भाई रे
गंगा और जमुना की तू गहरी है धार
आगे या पीछे,
सबको जाना है पार
धरती कहे पुकार के,
बीज बिछा ले प्यार के
मौसम बीता जाए,
मौसम बीता जाए
मौसम बीता जाए...
अपनी कहानी छोड़ जा,
कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इत ओर तू फिर आए न आए
मौसम बीता जाए...
तेरी राह में कलियों ने नैना बिछाए
डाली-डाली कोयल काली
तेरे गीत गाए, तेरे गीत गाए
अपनी कहानी छोड़ जा...
हो भाई रे...
नीला अम्बर मुस्काए,
हर साँस तराने गाए
हाय तेरा दिल क्यूँ मुरझाए
मन की बंसी पे तू भी कोई धुन बजा ले भाई
तू भी मुस्कुरा ले
अपनी कहानी छोड़ जा...
धरती कहे पुकार के लिरिक्स अंग्रेजी में (Dharti Kahe Pukar Ke Lyrics In English)
Bhai Re
Ganga Aur Jamuna Ki Tu Gehri Hai Dhaar
Aage Ya Peeche,
Sabko Jana Hai Paar
Dharti Kahe Pukar Ke,
Beej Bicha Le Pyaar Ke
Mausam Beeta Jaaye,
Mausam Beeta Jaaye
Mausam Beeta Jaaye...
Apni Kahani Chhod Ja,
Kuch To Nishaani Chhod Ja
Kaun Kahe It Oar Tu Phir Aaye Na Aaye
Mausam Beeta Jaaye...
Teri Raah Mein Kaliyon Ne Naina Bichhaye
Daali-Daali Koel Kaali
Tere Geet Gaaye, Tere Geet Gaaye
Apni Kahani Chhod Ja...
Ho Bhai Re...
Neela Ambar Muskaye,
Har Saans Tarane Gaaye
Haay Tera Dil Kyun Murjhaaye
Man Ki Bansuri Pe Tu Bhi Koi Dhun Baja Le Bhai
Tu Bhi Muskura Le
Apni Kahani Chhod Ja...
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