Current Date: 17 Nov, 2024

दासी हु तेरी श्यामा

- साध्वी पूर्णिमा दीदी


दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो,

मैं आपकी हूँ प्यारी, मैं आपकी हूँ प्यारी,

अपने ही पास रख लो,

दासी हूँ तेरी राधे, सेवा में साथ रख लो,

 

सुन लो मेरी कहानी, श्री राधे मेहरबानी,

सुन लो मेरी कहानी, श्री राधे मेहरबानी,

श्री राधे मेहरबानी, श्री राधे मेहरबानी,

श्री राधे मेहरबानी,

चरणों की रज में मुझको,

चरणों की रज में मुझको,

हरदम ही साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी राधे, सेवा में साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो,

 

अवगुण से भरी हुई हूँ, द्वारे पर पड़ी हुयी हूँ,

अवगुण से भरी हुई हूँ, द्वारे पर पड़ी हुयी हूँ,

द्वारे पर पड़ी हुयी हूँ, द्वारे पर पड़ी हुयी हूँ,

द्वारे पर पड़ी हुयी हूँ, अपनी कृपा से श्यामा,

अवगुण तुम हमारे हर लो,

मैं आपकी हूँ प्यारी, अपने ही पास रख लो,

दासी हूँ तेरी राधे, सेवा में साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो,

 

द्वारे पर पड़ी रहूँगी, तेरा ही सुख चाहूँगी,

द्वारे पर पड़ी रहूँगी, तेरा ही सुख चाहूँगी,

तेरा ही सुख चाहूँगी, तेरा ही सुख चाहूँगी,

तेरा ही सुख चाहूँगी,

चरणों की देकर सेवा, चरणों के पास रख लो,

मैं आपकी हूँ प्यारी, अपने ही पास रख लो,

दासी हूँ तेरी राधे, सेवा में साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो,

दासी हूँ तेरी श्याम, सेवा में साथ रख लो

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