Current Date: 22 Dec, 2024

दशरथकृत शनि स्तोत्र (Dashratha Shani Sotra)

- Traditional


दशरथकृत शनि स्तोत्र हिंदी में (Dashratha Shani Sotra in hindi)

दशरथ उवाच:
प्रसन्नो यदि मे सौरे ! एकश्चास्तु वरः परः ॥

रोहिणीं भेदयित्वा तु न गन्तव्यं कदाचन् ।
सरितः सागरा यावद्यावच्चन्द्रार्कमेदिनी ॥

याचितं तु महासौरे ! नऽन्यमिच्छाम्यहं ।
एवमस्तुशनिप्रोक्तं वरलब्ध्वा तु शाश्वतम् ॥

गणेश जी का सबसे मनमोहक भजन: तेरी जय हो गणेश

प्राप्यैवं तु वरं राजा कृतकृत्योऽभवत्तदा ।
पुनरेवाऽब्रवीत्तुष्टो वरं वरम् सुव्रत ॥

दशरथकृत शनि स्तोत्र:
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च ।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥1॥

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥2॥

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: ।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥3॥

हनुमान जी की सबसे मधुर आरती: हनुमान आरती

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: ।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥4॥

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते ।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥5॥

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते ।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥6॥

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च ।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥7॥

श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे ।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥8॥

देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: ।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥9॥

प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे ।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल: ॥10॥

दशरथ उवाच:
प्रसन्नो यदि मे सौरे ! वरं देहि ममेप्सितम् ।
अद्य प्रभृति-पिंगाक्ष ! पीडा देया न कस्यचित् ॥

 

दशरथकृत शनि स्तोत्र अंग्रेजी में (Dashratha Shani Sotra in english)

Dashrath Uvach:
Prasanno Yadi Me Saure ! Ekashchastu Varah Parah ॥

Rohini Bhedayitva Tu Na Gantvayam Kadachan ।
Saritha: Sagara Yavadivachandrarakmedini ॥

Yachint Tu Mahasoure! Nanyamichamyam ।
Evamastushaniproktam Varalbdhva Tu Shashwatam ॥

The most adorable hymn of Ganesha: Teri Jai Ho Ganesh

Prapyon Tu Varan Raaja Krtakrtyobhavattada ।
Punarevabravittushto Varan Varam Suvrat! ॥

Dashrathakrt Shani Stotr:
Namah Krshnay Neelay Shitikanth Nibhay Ch ।
Namah Kalagniroopaay Krtantay Ch Vai Namah ॥ 1 ॥

Namo Nirmans Dehay Deerghashmashrujataay Ch ।
Namo Vishalanetraay Shushkodar Bhayakrte ॥ 2 ॥

Namah Pushkalagatraay Sthoolaromneth Vai Namah ।
Namo Deerghay Shushkaay Kaladanshtr Namostu Te ॥ 3 ॥

Sweetest Aarti of Hanuman ji: Hanuman Aarti

Namaste Kotarakshaya Durnarixyaya Vai Namah ।
Namo Ghorai Raudraya Bhishnaya Kapaline ॥ 4 ॥

Namaste Sarvabhakshaya Balimukh Namoastu Te ।
Suryaputra Namastu Bhaskarayabhayada Cha ॥ 5 ॥

Adhodeshte: Namasteastu Vyakta Namoastu Te ।
Namo Mandagate Tubhyam Nistrinshai Namoastustate ॥ 6 ॥

Tapasa Dagdha-dehaya Nityam Yogratayya Ch ।
Namo Nityam Aradhartaaya Atrupatya Ch Vai Namah ॥ 7 ॥

Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

Gyanachakshurnamasteऽastu Kashyapatmaj-sunbay ।
Tushto Dadasi Vai Rajyam Rishto Harsi Tatkhyanat ॥ 8 ॥

Devasuramanushyashch Siddh-vidyadharoragah ।
Tvaya Vilokita: Sarve Naashan Yanti Samoolatah ॥ 9 ॥

Prasad Kuru Me Saure ! Varado Bhav Bhaskare ।
Evam Stutastada Saurirgraharajo Mahabalah ॥ 10 ॥

Dashrath Uvach:
Prasanno Yadi Me Saure ! Varan Dehi Mamepsitam ।
Ady Prabhrti-pingaaksh ! Peeda Deya Na Kasyachit ॥

और भी मनमोहक भजन, आरती, मंत्र, वंदना, चालीसा, स्तुति :-

अगर आपको यह स्तोत्र अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें एवं किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए कमेंट करें।

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।