Current Date: 21 Nov, 2024

दशरथकृत शनि स्तोत्र (Dashratha Shani Sotra)

- Traditional


दशरथकृत शनि स्तोत्र हिंदी में (Dashratha Shani Sotra in hindi)

दशरथ उवाच:
प्रसन्नो यदि मे सौरे ! एकश्चास्तु वरः परः ॥

रोहिणीं भेदयित्वा तु न गन्तव्यं कदाचन् ।
सरितः सागरा यावद्यावच्चन्द्रार्कमेदिनी ॥

याचितं तु महासौरे ! नऽन्यमिच्छाम्यहं ।
एवमस्तुशनिप्रोक्तं वरलब्ध्वा तु शाश्वतम् ॥

गणेश जी का सबसे मनमोहक भजन: तेरी जय हो गणेश

प्राप्यैवं तु वरं राजा कृतकृत्योऽभवत्तदा ।
पुनरेवाऽब्रवीत्तुष्टो वरं वरम् सुव्रत ॥

दशरथकृत शनि स्तोत्र:
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च ।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥1॥

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥2॥

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: ।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥3॥

हनुमान जी की सबसे मधुर आरती: हनुमान आरती

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: ।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥4॥

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते ।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥5॥

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते ।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥6॥

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च ।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥7॥

श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे ।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥8॥

देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: ।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥9॥

प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे ।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल: ॥10॥

दशरथ उवाच:
प्रसन्नो यदि मे सौरे ! वरं देहि ममेप्सितम् ।
अद्य प्रभृति-पिंगाक्ष ! पीडा देया न कस्यचित् ॥

 

दशरथकृत शनि स्तोत्र अंग्रेजी में (Dashratha Shani Sotra in english)

Dashrath Uvach:
Prasanno Yadi Me Saure ! Ekashchastu Varah Parah ॥

Rohini Bhedayitva Tu Na Gantvayam Kadachan ।
Saritha: Sagara Yavadivachandrarakmedini ॥

Yachint Tu Mahasoure! Nanyamichamyam ।
Evamastushaniproktam Varalbdhva Tu Shashwatam ॥

The most adorable hymn of Ganesha: Teri Jai Ho Ganesh

Prapyon Tu Varan Raaja Krtakrtyobhavattada ।
Punarevabravittushto Varan Varam Suvrat! ॥

Dashrathakrt Shani Stotr:
Namah Krshnay Neelay Shitikanth Nibhay Ch ।
Namah Kalagniroopaay Krtantay Ch Vai Namah ॥ 1 ॥

Namo Nirmans Dehay Deerghashmashrujataay Ch ।
Namo Vishalanetraay Shushkodar Bhayakrte ॥ 2 ॥

Namah Pushkalagatraay Sthoolaromneth Vai Namah ।
Namo Deerghay Shushkaay Kaladanshtr Namostu Te ॥ 3 ॥

Sweetest Aarti of Hanuman ji: Hanuman Aarti

Namaste Kotarakshaya Durnarixyaya Vai Namah ।
Namo Ghorai Raudraya Bhishnaya Kapaline ॥ 4 ॥

Namaste Sarvabhakshaya Balimukh Namoastu Te ।
Suryaputra Namastu Bhaskarayabhayada Cha ॥ 5 ॥

Adhodeshte: Namasteastu Vyakta Namoastu Te ।
Namo Mandagate Tubhyam Nistrinshai Namoastustate ॥ 6 ॥

Tapasa Dagdha-dehaya Nityam Yogratayya Ch ।
Namo Nityam Aradhartaaya Atrupatya Ch Vai Namah ॥ 7 ॥

Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

Gyanachakshurnamasteऽastu Kashyapatmaj-sunbay ।
Tushto Dadasi Vai Rajyam Rishto Harsi Tatkhyanat ॥ 8 ॥

Devasuramanushyashch Siddh-vidyadharoragah ।
Tvaya Vilokita: Sarve Naashan Yanti Samoolatah ॥ 9 ॥

Prasad Kuru Me Saure ! Varado Bhav Bhaskare ।
Evam Stutastada Saurirgraharajo Mahabalah ॥ 10 ॥

Dashrath Uvach:
Prasanno Yadi Me Saure ! Varan Dehi Mamepsitam ।
Ady Prabhrti-pingaaksh ! Peeda Deya Na Kasyachit ॥

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