Current Date: 18 Dec, 2024

दर्शन मिला जबसे

- डॉ. राजीव जैन।


दर्शन मिला जबसे जिनवर का,
मन मंदिर में खुशियां छाई है,
एक पल भी कभी न भूलू न तुम्हे,
ये आवाज़ दिल से आई है,
दर्शन मिला जबसे जिनवर का।।

तर्ज – घूँघट की आड़ से।

रूप जिनवर का कितना मनोहर है,
त्याग करूणा का ये तो सरोवर है,
सारे जग में नहीं तुमसा दूजा है,
मेरे मन से प्रभु तेरी पूजा है…
शरण में जो आ गया,
वो पार भव से हो गया…
मुझको भी तुम जैसा बनना है,
ये हसरत तेरे दर पे लाई है….
एक पल भी कभी न भूलू न तुम्हे,
ये आवाज़ दिल से आई है,
दर्शन मिला जबसे जिनवर का।।

आजतक मेने सच को न जाना था,
में तो भोगो के पीछे दीवाना था,
सुख की घड़ियों में जो मे्रे साथी है,
छोड़ देंगे जिन्हें अपना माना था,
कर्म जो किये,रहेंगे अंत में साथी मेरे….
जिनवर की वाणी को सुनने से,
ये बात समझ मे आयी है….
एक पल भी कभी न भूलू न तुम्हे,
ये आवाज़ दिल से आई है,
दर्शन मिला जबसे जिनवर का।।

दर्शन मिला जबसे जिनवर का,
मन मंदिर में खुशियां छाई है,
एक पल भी कभी न भूलू न तुम्हे,
ये आवाज़ दिल से आई है,
दर्शन मिला जबसे जिनवर का।।

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