दर्शन करने आए,
दर्शन करके जाएंगे,
श्याम के दरबार,
से झोली भर कर जाएंगे।।
तर्ज – मेरे मन की गंगा।
बहुत दिनों से थी अभिलाषा,
श्याम का दर्शन पाने की,
आज हुई है पूरी आशा,
श्याम से नैन मिलाने की,
आँखों आँखों में बाते,
कुछ करके जाएंगे,
श्याम के दरबार,
से झोली भर कर जाएंगे।।
फ़िकर तुम्हे है हम बच्चो की,
जो दोगे ले लेंगे हम,
जिस रस्ते की राह दिखाओ,
इस रस्ते चल देंगे हम,
चलते चलते तेरी,
जय जयकार लगाएंगे,
श्याम के दरबार,
से झोली भर कर जाएंगे।।
जब जब तेरी याद सताए,
आकर दर्शन दे देना,
हर ग्यारस पर हमको बाबा,
खाटु धाम बुला लेना,
तेरी नगरी में आकर,
हम मौज उड़ाएंगे,
श्याम के दरबार,
से झोली भर कर जाएंगे।।
श्याम तेरा परिवार बड़ा है,
तुझ पर सबका डेरा है,
‘बिन्नू’ कहता धन्य धन्य प्रभु,
बहुत बड़ा दिल तेरा है,
दूजा कोई और न जग में,
तुझसा पाएंगे,
श्याम के दरबार,
से झोली भर कर जाएंगे।।
दर्शन करने आए,
दर्शन करके जाएंगे,
श्याम के दरबार,
से झोली भर कर जाएंगे।।
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