Current Date: 20 Dec, 2024

दर्शन दो घनश्याम नाथ (Darshan Do Ghanshyam Nath)

- Hemant Kumar, Sudha Malhotra and Manna Dey


दर्शन दो घनश्याम नाथ हिंदी में (Darshan Do Ghanshyam Nath In Hindi)

दर्शन दो घनश्याम नाथ,
मोरी अखियां प्यासी रे,
मन मंदिर की जोत जगा दो,
घाट घाट वासी रे ।

साध्वी पूर्णिमा जी का सबसे सुन्दर भजन: मुझे अपने ही रंग में रंग ले

मंदिर मंदिर मूरत तेरी,
फिर भी न दीखे सूरत तेरी,
युग बीते ना आई मिलन की,
पूरनमासी रे ।
दर्शन दो घनश्याम नाथ,
मोरी अखियां प्यासी रे ।

द्वार दया का जब तू खोले,
पंचम सुर में गूंगा बोले,
अंधा देखे लंगड़ा चल कर,
पहुंचे काशी रे ।

पानी पी कर प्यास बुझाऊँ,
नैनन को कैसे समजाऊँ,
आँख मिचौली छोड़ो अब तो,
मन के वासी रे ।
दर्शन दो घनश्याम नाथ,
मोरी अखियां प्यासी रे ।

श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे

निर्बल के बल धन निर्धन के,
तुम रखवाले भक्त जनों के,
तेरे भजन में सब सुख़ पाऊं,
मिटे उदासी रे ।

नाम जपे पर तुझे ना जाने,
उनको भी तू अपना माने,
तेरी दया का अंत नहीं है,
हे दुःख नाशी रे ।
दर्शन दो घनश्याम नाथ,
मोरी अखियां प्यासी रे ।

आज फैसला तेरे द्वार पर,
मेरी जीत है तेरी हार पर,
हर जीत है तेरी मैं तो,
चरण उपासी रे ।

द्वार खडा कब से मतवाला,
मांगे तुम से हार तुम्हारी,
नरसी की ये बिनती सुनलो,
भक्त विलासी रे ।
दर्शन दो घनश्याम नाथ,
मोरी अखियां प्यासी रे ।

कृष्ण जी का प्यारा भजन: बांके बिहारी से प्यार है

लाज ना लुट जाए प्रभु तेरी,
नाथ करो ना दया में देरी,
तिन लोक छोड़ कर आओ,
गंगा निवासी रे ।

दर्शन दो घनश्याम नाथ,
मोरी अखियां प्यासी रे,
मन मंदिर की जोत जगा दो,
घाट घाट वासी रे ।

दर्शन दो घनश्याम नाथ अंग्रेजी में (Darshan Do Ghanshyam Nath In English)

darshan do ghanshyam nath,
mori akhiyan pyasi re,
man mandir ki jot jaga do,
ghaat ghaat vaasi re.

The most beautiful bhajan of Sadhvi Purnima ji: Mujhe Apne Hi Rang Me Rang Le

mandir mandir moorat teri,
phir bhi na deekhe soorat teri,
yug bite na aai milan ki,
pooranamasi re.
darshan do ghanshyam nath,
mori akhiyan pyasi re.

dvaar daya ka jab too khole,
pancham sur mein goonga bole,
andha dekhe langada chal kar,
pahunche kaashi re.

paani pi kar pyas bujhaoon,
nainan ko kaise samajaoon,
aankh michauli chhodo ab to,
man ke vaasi re.
darshan do ghanshyam nath,
mori akhiyan pyasi re.

Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

nirbal ke bal dhan nirdhan ke,
tum rakhavale bhakt janon ke,
tere bhajan mein sab sukh paoon,
mite udaasee re.

naam jape par tujhe na jane,
unako bhi too apana maane,
teree daya ka ant nahin hai,
he duhkh nashi re.
darshan do ghanshyam nath,
mori akhiyan pyasi re.

aaj phaisala tere dvaar par,
meri jeet hai teri haar par,
har jeet hai teri main to,
charan upaasi re.

dvaar khada kab se matavaala,
mange tum se haar tumhari,
narasi ki ye binati sunalo,
bhakt vilasi re.
darshan do ghanshyam nath,
mori akhiyan pyasi re.

Lovely hymn of Krishna ji: Banke Bihari Se Pyar Hai

laaj na lut jae prabhu teri,
nath karo na daya mein deri,
tin lok chhod kar aao,
ganga nivaasi re.

darshan do ghanshyam nath,
mori akhiyan pyasi re,
man mandir ki jot jaga do,
ghaat ghaat vaasi re.

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