M:- दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे
कोरस :- दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे
M:- दर्शन दो घनश्याम ................................
M:- मन मंदिर की जोत जगा दो
कोरस :- मन मंदिर की जोत जगा दो
M:- घट घट वासी रे
दर्शन दो घनश्याम ................................
M:- मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी
कोरस :- मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी
M:- मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी
युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे
दर्शन दो घनश्याम ........................................
M:- द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले
कोरस :- आ आ आ आ आ आ आ आ
M:- द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे
दर्शन दो घनश्याम ........................................
M:- पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ
आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे
कोरस :- दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे
M:- दर्शन दो घनश्याम ........................................
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