Current Date: 21 Dec, 2024

दर्शन दो घनश्याम

- Prem Prakash Dubey


M:-    दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे 
कोरस :-    दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे 
M:-    दर्शन दो घनश्याम ................................

M:-    मन मंदिर की जोत जगा दो
कोरस :-     मन मंदिर की जोत जगा दो
M:-    घट घट वासी रे 
    दर्शन दो घनश्याम ................................

M:-    मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी
कोरस :-    मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी
M:-    मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी
    युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे
    दर्शन दो घनश्याम ........................................

M:-    द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले
कोरस :-     आ आ आ आ आ आ आ आ 
M:-    द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले
    अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे
    दर्शन दो घनश्याम ........................................

M:-    पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ 
    आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे
कोरस :-    दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे 
M:-    दर्शन दो घनश्याम ........................................
 

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