दर पे खड़ी हूँ पतंग बन के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई जल लाया बाबा कोई काव्य दूध हो,
तुमको नहलाएँगे मल मल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई फूल लाया बाबा कोई बेल पाती,
तुमपे चढ़ाएँगे सब मिल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई आंक लाया बाबा कोई धतूरा,
तुमको पिलाएँगे मल मल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
कोई ढोलक लाया बाबा कोई लाया चिमटा,
महिमा हम गाएँगे सब मिल के,
आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….
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