Current Date: 18 Nov, 2024

दर पे दीवाने आये है

- Harshita Didwania


मन बसिया रे मन बसिया फागण के  रसिया सांवरिया 
जबसे  प्यारी सूरत देखि तन मन हो गयो बावरिया
छुपा कहा ओ रे सांवरिया तेरे दीवाने आये करके तैयारी
पर्दा हटा ओ मन बसिया रंगेंगे आज सुरतिया सारी 
ओ बाबा फागण के रंग की घटा छा गयी 
तुमसे मिलने की रुत ये सुहानी आ गयी 
ओ खाटू के मुरारी खोलो जरा किवाड़ी 
तेरे दर पे तो तेरे दीवाने आ गए 
लायी में पिचकारी रंगो से भरी थाली 
मस्ती में डूबे मस्ताने आ गए 

फागण का मेला है भक्तो का रेला है 
महफ़िल जमी रंगी तू क्यों अकेला है 
भक्तो की महफ़िल में आजा सांवरे 
खोला हमने भी दिल का दरवाजा सावरे
ओ खाटू के मुरारी खोलो जरा किवाड़ी 
तेरे दर पे तो तेरे दीवाने आ गए 
लायी में पिचकारी रंगो से भरी थाली 
मस्ती में डूबे मस्ताने आ गए 

मन बसिया रे मन बसिया फागण के  रसिया सांवरिया 
जबसे  प्यारी सूरत देखि तन मन हो गयो बावरिया
ओ खाटू के मुरारी खोलो जरा किवाड़ी 
तेरे दर पे तो तेरे दीवाने आ गए 
लायी में पिचकारी रंगो से भरी थाली 
मस्ती में डूबे मस्ताने आ गए 

भक्तो की टोली है करती बरजोरी है 
रंगो के रसिया सुन होली है होली है 
छोड़ मंदिर को आजा रंगीले सांवरे 
तेरे रंग में ही रंगले रंगीले सांवरे 

ओ खाटू के मुरारी खोलो जरा किवाड़ी 
तेरे दर पे तो तेरे दीवाने आ गए 
लायी में पिचकारी रंगो से भरी थाली 
मस्ती में डूबे मस्ताने आ गए 

केसर मंगाना है रंग में घुलवाना है 
करे कन्हैया को लाल बनाना है 
फूलो की वर्षा तुम्हारे द्वारे पर 
गोल घुमु झुमु तुम्हारे ताले में 

ओ खाटू के मुरारी खोलो जरा किवाड़ी 
तेरे दर पे तो तेरे दीवाने आ गए 
लायी में पिचकारी रंगो से भरी थाली 
मस्ती में डूबे मस्ताने आ गए 
 

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