प्राणो से भी प्यारा,
दादी धाम तुम्हारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा,
तूने सबको तारा,
सबका जीवन संवारा,
तेरे बिन कौन दादी,
हम भक्तों का सहारा।।
तर्ज – सावन का महीना।
अटके कभी जो नैया,
बने तू खिवैया,
कष्ट सभी के काटे,
मेरी मैया,
अंधियारे जीवन का,
माँ तुम ही हो उजियारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा।।
आंसुओ को मेरे अपने,
आँचल से पोंछे,
ममता लूटाकर मैया,
हाल मेरा पूछे,
नित उठ दादी ध्याऊँ,
मैं एक नाम तुम्हारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा।।
प्राणो से भी प्यारा,
दादी धाम तुम्हारा,
दर्शन कर हो जाता,
ये जीवन सफल हमारा,
तूने सबको तारा,
सबका जीवन संवारा,
तेरे बिन कौन दादी,
हम भक्तों का सहारा।।
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