मां जय जय मां-2! मंदिर से बाहर आ जा माँ तेरे भक्त घरों से पुकार रहे-2!
तेरे नवरात्रों में मैया रो-रो के हा बेहाल रहे-2!
मंदिर से बाहर आ जा माँ तेरे भक्त घरों से पुकार रहे-2!
तेरे नवरात्रि जब भी आते थे मिलकर खुशी मनाते थे-2!
घर घर में जोत जगाके मां हर घर जगराते होते थे-2!
अब रो के तुझे बुलाते हैं महामारी के डर से हार रहे!
मंदिर से बाहर आ जा माँ तेरे भक्त घरों से पुकार रहे-2!
मां जय जय मां मां जय जय मां
तूने बड़े-बड़े राक्षस को मां त्रिशूल से मार गिराया था-2!
इस महामारी के दानव से हर भगत तेरा घबराया मां-2!
इसको भी जड़ से उखाड़ो मां तेरे होते सदा जयकार रहे!
मंदिर से बाहर आ जा मां तेरे भक्त घरों से पुकार रहे-2!
विपदा की घड़ी जो आई हो हर दिल ने यही सुनाई हो-2!
चहल दीवाना अरज करे तू हर जन की महामाई हो-2!
भक्तों की संकट टालो मां तेरे दर पर सदा आभार रहे
मंदिर से बाहर आ जा मां तेरे भक्त घरों से पुकार रहे-2!
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।