थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
लेहेर लेहेर लहराए रही लेहेर लेहेर लहराए रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
भादि मावस जद भी आवे मन म्हारा हरसावे
थारी चुनर की छाया में सभी सुहागण चावे
भादि मावस जद भी आवे मन म्हारा हरसावे
थारी चुनर की छाया में सभी सुहागण चावे
सब मिलकर सब मिलकर दादी जी तने चुनरी ओढ़ाई रही
सब मिलकर दादी जी तने चुनरी ओढ़ाई रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
सभी सुहागण भगण मैया ठाणे खूब सजावै
कर सोलह श्रृंगार ठाणे हाथ मेहँदी रचावे
सभी सुहागण भगण मैया ठाणे खूब सजावै
कर सोलह श्रृंगार हाथ मेहँदी रचावे
सब मिलके सब मिलकर ज्योति लेवे दादी जी मंगल गाय रही
सब मिलकर ज्योति लेवे दादी जी मंगल गाय रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
थारे आंचल की छाया माँ म्हारे सिर पर वारो
कहें गोपाल के टाबरिया पे प्यार लुटादो थारो
थारे आंचल की छाया माँ म्हारे सिर पर वारो
कहें गोपाल के टाबरिया पे प्यार लुटादो थारो
थारी किरपा थारी किरपा दादी जी या म्हणे तो नचाये रही
थारी किरपा दादी जी या म्हणे तो नचाये रही
लेहेर लेहेर लहराए रही लेहेर लेहेर लहराए रही
लेहेर लेहेर लहराए रही लेहेर लेहेर लहराए रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
थारी चुनर दादी जी लेहेर लहराए रही
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।