आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ ,
रूपे छा~ने लागल केवाड़।
आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ ,
रूपे छा~ने लागल केवाड़।।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ
बांझी केवडूवा धइले ठाड़।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ
बांझी केवडूवा धइले ठाड़।।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।।
पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।।
बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ
खेलत-कुदत घर जात।
बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ
खेलत-कुदत घर जात।।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा
हसत बोलत घर जात।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा
हसत बोलत घर जात।।
Credit Details :
Song: Kath Ke Kothriya Ho Dinanath
Singer: Sharda Sinha
Lyrics: Traditional
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