🎵काठ के कोठरिया हो दीनानाथ🎵
🙏 गायक: शारदा सिन्हा
🎼 गीत: पारम्परिक
विवरण:
काठ के कोठरिया हो दीनानाथ एक अत्यंत भक्तिपूर्ण छठ गीत है जिसे शारदा सिन्हा ने अपनी मधुर आवाज में प्रस्तुत किया है। इस गीत में छठ पर्व के दौरान भगवान दीनानाथ से प्रार्थना की गई है, जहां एक बाँझ औरत की पुकार है जो भगवान से पुत्र की कामना कर रही है। गीत में भक्त अपनी समस्याओं और जीवन की कठिनाइयों को भगवान के सामने रखते हैं, जैसे पुत्र संकट, नैना संकट और काया संकट। भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने की यह दीन पुकार छठ पर्व की धार्मिक महत्ता को दर्शाती है और यह बताती है कि भगवान की कृपा से हर संकट दूर हो सकता है।
गीत के बोल:
आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ ,
रूपे छा~ने लागल केवाड़।
आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ ,
रूपे छा~ने लागल केवाड़।।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ
बांझी केवडूवा धइले ठाड़।
ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ
बांझी केवडूवा धइले ठाड़।।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।।
पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।
पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।
चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ ,
कौन संकट पडल तोहार।।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।
काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,
ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।।
बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ
खेलत-कुदत घर जात।
बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ
खेलत-कुदत घर जात।।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा
हसत बोलत घर जात।
अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा
हसत बोलत घर जात।।
Credit Details :
Song: Kath Ke Kothriya Ho Dinanath
Singer: Sharda Sinha
Lyrics: Traditional
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।