🎵सोना सटकुनिया हो दीनानाथ🎵
🙏 गायक: मैथिली ठाकुर
🎼 गीत: पारम्परिक
विवरण:
सोना सट कुनिया हो दीनानाथ एक बेहद संवेदनशील और भक्तिमय गीत है जिसे मैथिली ठाकुर ने अपनी सुरीली आवाज़ में गाया है। इस गीत में भक्तों द्वारा दीनानाथ (भगवान) से आशीर्वाद की प्रार्थना की गई है। गीत में संसार के कष्टों और चुनौतियों का सामना करते हुए भक्त भगवान से कृपा की याचना करते हैं। इसमें विशेष रूप से उन लोगों की पुकार है जो जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं, जैसे अंधे और निःसंतान स्त्रियाँ, जो भगवान से राहत और आशीर्वाद प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं। यह गीत छठ पर्व की धार्मिकता और भक्तों की गहरी भावनाओं को दर्शाता है।
गीत के बोल:
सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार ।।
सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ ।
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार ।।
आन दिन उगइछ हो दीनानाथ ।
आहे भोर भिनसार, आहे भोर भिनसार ।।
आजू के दिनवा हो दीनानाथ ।
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर ।।
बाट में भेटिए गेल गे अबला ।
एकटा अन्हरा पुरुष, एकटा अन्हरा पुरुष ।।
अंखिया दियेते गे अबला ।
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर ।।
बाट में भेटिए गेल गे अबला ।
एकटा बाझिनिया, एकटा बाझिनिया ।।
बालक दियत गेल गे अबला ।
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर ।।
Credit Details :
Song: Sona Satkuniya Ho Dinanaath
Singer: Maithili Thakur
Lyrics: Traditional
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