तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया
तेरे सोहने सोहने चरना नु मैं बैठी मल भोलेया
तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया
जल चढ़ाया पारवती ने किती पूजा जति सती ने
भंग अक ते धतूरे नाल मैं फल फूल तोड्या
तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया
जल विच दूध नाल वेळ पते भगत पाऊं दर फेरा स्टे
हर दुःख हर मुश्किल दा हो जावे हल भोलेया
तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया
राजू भी हरिपुरियाँ आवे लसियां तरुण द्वार चढ़ावे
निगहा रेहमता दी रखड़ा है तू सब वल भोलेया
तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया
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