M:- जय माता दी नवरात्र पर्व के दूसरे दिन माँ ब्रम्ह्चारिणी की पूजा अर्चना की
जाती है साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते है ब्रम्ह का अर्थ
है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली इस प्रकार ब्रम्ह्चारिणी का
अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली कहते है माँ ब्रम्ह्चारिणी देवी की कृपा
से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है आइए बड़े भाव से माँ देवी ब्रम्ह्चारिणी मंत्र का
गायन करते है -
कोरस :- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
M:- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
कोरस :- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
M:- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
कोरस :- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
M:- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
कोरस :- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
M:- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
कोरस :- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
M:- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
कोरस :- दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
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