Current Date: 22 Dec, 2024

भोलेनाथ जी

- Hansraj Raghuwanshi


गूंजे अंबर बरसे सावन
भक्त वी आए तुझे मनावन
गूंजे अंबर बरसे सावन
भक्त वी आए तुझे मनावन

कल कल बहती जाए नदियां
बजे जो डमरू लगे सब गावन
लाए है टोली भूतों की साथ जी

पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी

धरती सूरज चंदा सारे
तीनो लोक से आए है
बहुत भयंकर प्रेत भी है संग
ढोल नगाड़े लाए है

धरती सूरज चंदा सारे
तीनो लोक से आए है
बहुत भयंकर प्रेत भी है संग
ढोल नगाड़े लाए है

मुख से भोले भोले निकले
क्या है बात जी

पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी

आदि-नाथ ओ स्वरुप, उदय-नाथ उमा-महि-रुप
जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष-नाथ।
आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी
सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा संतन की राखे

भोले के रंग अजब निराले
पिए जो भोला विष के प्याले
नंदी पर करते है सवारी
गले में है वासुकी डाले

भोले के रंग अजब निराले
पिए जो भोला विष के प्याले
नंदी पर करते है सवारी
गले में है वासुकी डाले
सबसे ऊँचा नाम है नाथों के नाथ जी

पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी

पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में भोलेनाथ जी
पधारे वीराने में शंभुनाथ जी.

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