Current Date: 17 Nov, 2024

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में

- संजय मित्तल


भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में,
महिमा जिनकी है भारी,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
सारा जहाँ,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में।।

तर्ज – म्हारो श्याम बसे खाटू माहि।

ऊचे पर्वत पे देखो,
बाबा केदारनाथ है,
विश्वनाथ जी का भक्तो,
काशी में धाम है,
श्री शेल में मल्लिकार्जुन,
करते है दया,
भोलेनाथ बसें ज्योतिर्लिंग में,
महिमा जिनकी है भारी,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
सारा जहाँ,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे।।

चिता भूमि वैघनाथ जी,
दारुक वन नागेश है,
सेतुबंद रामेश्वर जी,
वेरुन में भुश्मेश है,
ताकनी में भीमा शंकर,
सुनते है सदा,
भोलेनाथ बसें ज्योतिर्लिंग में,
महिमा जिनकी है भारी,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
सारा जहाँ,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे।।

अमरेश्वर ओंकारेश्वर,
एक लिंग के भाग है,
महाकाल उज्जैन विराजे,
दर्शन से लाभ है,
ज्योतिर्लिंग के दर्शन से,
होता है भला,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में,
महिमा जिनकी है भारी,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
सारा जहाँ,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे।।

गौतमी किनारे बाबा,
त्रयम्भकेश्वरनाथ है,
वीरावल सौराष्ट्र में,
बाबा सोमनाथ है,
‘हर्ष’ कहे पाप से मुक्ति,
मिलती है यहाँ,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे,
महिमा जिनकी है भारी,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
सारा जहाँ,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में।।

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में,
महिमा जिनकी है भारी,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,
सारा जहाँ,
भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में।।

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