भोले नाथ बने देखो दूल्हा
गौरा रानी बनी है दुल्हनिया
१
आयी सज धज के भूतो की टोली
करती गौरा की सखिया ठिठोली
भोले शंकर भी कुछ नहीं है
अपनी सूरत बनाली मोहनिया
२
चाँद सी लग रही गौरा रानी
मुखड़ा लगता है उनका नूरानी
हाथ कंगन है माथे पे बिंदिया
बाजे पेरो में छमछम पैजनिया
३
तीनो लोको के गण है बाराती
शिव के शुक़्कर शनिचर है साथी
सारा ब्रम्हांड खुश हो रहा है
नृत्य करते है चंदा चंदनिया
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