मेरी अखियाँ तरस गयी,
भोले का दीदार पाने को,
मैं भगत दीवाना तेरा,
दिखा दूँगा जमाने को,
मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को……
तेरी लगन में डूबा रहूँगा,
जब तक है साँसों में दम,
जितना चाहे ले ले इम्तेहा,
फिर भी आस ना होगी कम,
ये मन विचलित हो रहा भोले,
आ कुछ समझाने को,
मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को…..
कोई चढ़ाए सोना चाँदी,
हीरे और मोती अनमोल,
मेरे पास प्रभु कुछ भी नहीं,
बस भक्ति लगन के मीठे बोल,
ये जीवन तुझपे अर्पण,
आ दया बरसाने को,
मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को…..
मेरी अखियां तरस गयी,
भोले का दीदार पाने को,
मैं भगत दीवाना तेरा,
दिखा दूँगा जमाने को,
मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को…..
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