भोले चला नहीं जाता सावन का मेला आ गया,
सावन का मेला आ गया सावन का मेला आ गया....
तेरे रस्ते में घोर अंधेर कैसे पर मैं आऊं,
मैं ज्योत जगा दूंगा तो क्यू रे भगत घबरा गया,
भोले चला नहीं जाता सावन का मेला आ गया....
मेरे पास ना पैसा धेला कैसे दर पर मैं आऊं,
मैं झोलियां भर दूँगा तू क्यू रे भगत घबरा गया,
भोले चला नहीं जाता सावन का मेला आ गया....
तेरे मंदिर ऊँची चढाई कैसे पर मैं आऊं,
मैं बाह पकड़ लूँगा तू क्यू रे भगत घबरा गया,
भोले चला नहीं जाता सावन का मेला आ गया....
डोले बीच भंवर मेरी नैया भोले मैं घबराऊ,
मैं पार लगा दूंगा तू क्यू रे भगत घबरा गया,
भोले चला नहीं जाता सावन का मेला आ गया....
लगा मन मंदिर में समाधि दे खोल तू मन के द्वार,
मैं दर्श दिखा दूंगा तू तक्यू रे भगत घबरा गया,
भोले चला नहीं जाता सावन का मेला आ गया....
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।