श्लोक भोले तो अलमस्त है पिए धतूरा भंग
गले में सोहे कालिया जटा में सोहे गंग
गंग भंग दो बहन है जो रहे उमा के संग
जिन्दा तारण भंग है मुर्दा तारण गंग
भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी हमसे ना घोटी जाए
तेरी एक दीना की होए तो घोटु रोज ना घोटी जाए
तर्ज – हाय हाय ये मज़बूरी
भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी हमसे ना घोटी जाए
तेरी एक दीना की होए तो घोटु रोज ना घोटी जाए
बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला
जिस दिन से मैं ब्याह के आई भाग हमारे फूटे
राम करे ऐसा हो जाये ये सिलबट्टा टूटे
ये रोज रोज की रगड़ झगड़ हमसे तो सही ना जाये
तेरी एक दीना की होए तो घोटु रोज ना घोटी जाए
बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला
नाजुक तन है नाज से पाला कैसे कहु कसाले
घोटत घोटत भांग तुम्हारी हाथ में पड़ गए छाले
मैं मायके को जाऊँ तो स्वामी अकल ठिकाने आए
तेरी एक दीना की होए तो घोटु रोज ना घोटी जाए
बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला
भोलेनाथ माता पारवती को समझाते हुए सुन गणपति की महतारी
तुम घोंटो भांग हमारी बिन भांग रहा नहीं जाए गौरां तुमको छोड़ दूँ लेकिन
भांग ना छोड़ी जाए सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा
भांग नहीं भगवती है ये घट घट में रहने वाली
इसको पीकर ऋषि मुनि नारद
निशदिन ध्यान लगाए
गौरां तुमको छोड़ दूँ लेकिन भांग ना छोड़ी जाए।
बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला।
भोला भांग तुम्हारी मैं घोटत घोटत हारी हमसे ना घोटी जाए
तेरी एक दीना की होए तो घोटु रोज ना घोटी जाए।।
सुन गणपति की महतारी तुम घोंटो भांग हमारी
बिन भांग रहा नहीं जाए
गौरां तुमको छोड़ दूँ लेकिन
भांग ना छोड़ी जाए
सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा सुन गौरा
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