Current Date: 23 Feb, 2025

भोले की धुन

- Shekhar Jaiswal


मलंग मलंग मलंग
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,
चढ़ने लगा है मुझे चढ़ने लगा है,
चढ़ने लगा है मुझे भोले का रंग,
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग…..

कोई नीलकंठ जटाधारी भोले,
कोई भोले कैलाशी,
मस्त मलंग वो अपनी धुन के पर्वत के वासी,
पीते है विष भोले पीते है भंग,
चढ़ने लगा है मुझे बोले का रंग,
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग…..

झूम रहा सारा कैलाश,
भोले जी की भक्ति में,
हाथ मे डमरू डम डम बजे,
गले मे सर्प की माला है,
ऐसा दण्डव करते भोले,
तीसरी आंख में ज्वाला है,
जटा में गंगा तेरे गौरा है संग,
चढ़ने लगा है मुझे बोले का रंग,
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग…..

Credit Details :

Song: Bhole Ki Dhun
Singer: Shekhar Jaiswal
Music: Saif
Lyrics: Ankit Sharma

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