Current Date: 08 Apr, 2025

कोयल बोले भोले की याद सताए

- Sakshi


हरे हरे बागों में गौरा झूले,
ठंडी हवा चले सावन की,
कोयल बोले याद सताए,
भोले नाथ मन भावन की....

हाँ हाँ हरे हरे बागों में गौरा झूले
ठंडी हवा चले सावन की
कोयल बोले, कोयल बोले याद सताए
भोले नाथ मन भावन की
भोले नाथ मन भावन की.....

कभी तो मिलेंगे, कहीं तो मिलेंगे,
इच्छा बतानी है मन की,
हाँ हाँ कभी तो मिलेंगे, कहीं तो मिलेंगे,
इच्छा बतानी है मन की,
बहार बिना कोई कदर नहीं है,
खिलते हुए इस उपवन की,
अरे खिलते हुए इस उपवन की,
हाँ खिलते हुए इस उपवन की,
जाने कब आवाज सुनेगे,
पायल की इस खन खन की,
हरे हरे बागों में गौरा झूले.......

सारी सखियाँ गायें मल्हारी,
गुड़िया, चिड़िया आँगन की,
सारी सखियाँ गायें मल्हारी,
गुड़िया, चिड़िया आँगन की,
शिव की दीवानी हो गयी स्यानी,
समय रही ना बचपन की,
हाँ समय रही ना बचपन की,
अरे समय रही ना बचपन की,
52 चिट्टी लिख लिख डाली,
पुरे हप्ते बावन की
अरे 52 चिट्टी लिख लिख डाली,
पुरे हप्ते बावन की
हरे हरे बागों में गौरा झूले.....

तीन लोक में चर्चा कमल सिंह,
शिव योगी की योगन की,
तीन लोक में चर्चा कमल सिंह,
शिव योगी की योगन की,
रुत सावन की जब जब आये,
बढ़ी लालसा दर्शन की,
अरे बढ़ी लालसा दर्शन की,
हाँ बढ़ी लालसा दर्शन की,
जय शिव जय शिव जपते जपते,
समय बीत जाये जीवन की,

अरे हरे हरे बागों में गौरा झूले
ठंडी हवा चले सावन की
कोयल बोले याद सताए
भोले नाथ मन भावन की.....

Credit Details :

Song: Koyal Bole Bhole Ki Yaad Sataye
Singer: Sakshi
Lyrics: Kamal Singh Putti
Music: Arun Mishra

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