🎵महाकाल का दर🎵
🙏 गायक: किशन भगत
🎼 संगीत: कृष्ण पवार
विवरण:
उज्जैन की पावन भूमि और महाकाल की अनंत महिमा को समर्पित यह भजन उज्जैन की पावन भूमि गाया है किशन भगत ने। भजन में महाकाल के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति की भावना को खूबसूरत शब्दों में व्यक्त किया गया है। यह भजन उज्जैन नगरी, महाकाल के आशीर्वाद, और श्रद्धालुओं की आस्था को समर्पित है। सुनिए और महाकाल के चरणों में श्रद्धा और विश्वास की शक्ति महसूस कीजिए।
गीत के बोल:
इतना दिया महाकाल ने मुझे,
जितनी मेरी औकात नहीं,
यह तो कर्म है महाकाल का,
मुझ में तो कोई बात नहीं ।
उज्जैन की पावन भूमि को मेरा प्रणाम,
महाकाल तेरी नगरी को मेरा प्रणाम....
उज्जैन नगरी मेरे दिल में उतर गई,
माटी लगा ली सर पर किस्मत संवर गई,
मिट्टी उठा ली राख से और दिल बना दिया,
इस पागल को भी बाबा तुने काबिल बना दिया,
उज्जैन नगरी मेरे दिल में उतर गई,
माटी लगा ली सिर पर किस्मत संवर गई,
झोली थी खाली मेरी झोलि ये भर गई,
महाकाल महाराज वो प्राणों के प्राण,
महाकाल तेरी नगरी को मेरा प्रणाम.......
कुंभ का लगता मेला वह 12 साल में,
अमृत की बहती धारा शिप्रा की धार में,
चिंतामण चिंता हरे शिप्रा करे निहाल,
दया करें मां हरसिद्धि और रक्षा करे महाकाल,
कुंभ का लगता मेला वह 12 साल में,
अमृत की बहती धारा शिप्रा की धार में,
श्रद्धा सबुरी भर लो जीवन के नामों में,
महाकाल महाराज ओ कालों के काल,
महाकाल ले तेरी नगरी को मेरा प्रणाम......
Credit Details :
Song: Ujjain Ki Pawan Bhumi
Singer: Kishan Bhagat
Lyrics: Kishan Bhagat
Music: Krishna Pawar
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