हजारों हैं रूप हज़ारो है नाम,
समस्त देव लोक जिन्हे पूजते है आन....
हजारों हैं रूप हज़ारो है नाम,
समस्त देव लोक जिन्हे पूजते है आन,
वो मृगछाला वो भस्मधारी,
जिनके शृंगार में गंगा चाँद,
हजारों हैं रूप हज़ारो है नाम...
दशा हो जैसी काल हो जैसा,
मेरा महाकाल सबकी सुन लेता,
दशा हो जैसी काल हो जैसा,
मेरा महाकाल सबकी सुन लेता,
त्रिनेत्र में जिनके संसार बस्ता,
देख के बैठे है इतिहास युगो का,
भव सागर से देें पार लगा,
जग के मूल आधार शिवा,
वो मृगछाला वो भस्मधारी,
जिनके शृंगार में गंगा चाँद,
हजारों हैं रूप हज़ारो है नाम,
वो मृगछाला वो भस्मधारी....
देखा जब संकट में सब को,
आये बन कर शक्ति तब वो,
हर लिया हर कष्ट हर ने,
नष्ट करके पापी जगत को,
त्रिशूल धारी सत्य मंडल,
वो विनाशी वो ही मंगल,
शिव ने बनाया सब कुछ,
शिव समाये सब के अंदर,
हजारो है रूप हज़ारो है नाम ,
वो मृगछाला वो भस्मधारी....
बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी ,
त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी ,
अंत भी तूम हो तूम ही अनादि ,
अनन्त अंश तुम्हरे त्रिपुरारी,
किरण सुहानी हर शयाम सुहानी ,
जिसको हो जाये दर्श रूहानी,
जो हो जाएं शिव के दीवाने,
उसकी हो जाए दुनिया दीवानी,
उसकी हो जाए दुनिया दीवानी,
हजारो है रूप हज़ारो है नाम,
वो मृगछाला वो भस्मधारी…
Credit Details :
Song: Hazaaron Hai Roop
Singer: Hansraj Raghuwanshi
Music: DJ Strings
Lyrics: Kabeer Shukla
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