जटा टवी गलज्ज लप्रवाह पावितस्थले,
गलेव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्।
तेरे ही आगे ये शीश झुकता,
मेरा तो सब मुझे तुझसे मिलता,
मेरे बाबा तेरे रंग में रंगना चाहुँ मैं॥
शिव कैलाशो के वासी, धौलीदारो के राजा,
शंकर संकट हरना,
बाबा मेरा भोला भंडारी, दुनिया मेरी तूने है सवारी,
शंकर संकट हरना……
तेरी जटाओं से बहती है गंगा, ओ भोले,
तेरी नज़र से ही सारा काम चंगा हो जाये, मेरे भोले,
गंगा बहे, भोले तेरी जटाओं से,
प्रेत डरे, भोले तेरे ही साये से……..
शिव कैलाशो के वासी, धौलीदारो के राजा
शंकर संकट हरना
बाबा मेरा भोला भंडारी, दुनिया मेरी तूने है सवारी
शंकर संकट हरना…….
जटा टवी गलज्ज लप्रवाह पावितस्थले
गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्…….
Credit Details :
Song: Shiv Kailasho Ke Wasi
Singer: Akash Sharma
Lyrics: Akash Sharma
Music: Akash Sharma
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