🎵कैलाश पर्वत पर🎵
🙏 गायक: अभिजीत घोषाल
🎼 संगीत: शोमा बनर्जी
विवरण:
अभिजीत घोषल द्वारा गाया गया भजन कैलाश पर्वत पर भगवान शिव की महिमा और उनकी शक्ति का प्रतीक है। इस भजन में शिव जी के त्रिलोकी के स्वामी, उनके तीसरे नेत्र और उनके अद्वितीय रूप की वंदना की गई है। 'शिव भोला है भंडारी' शब्दों से शिव जी की सरलता और कृपा का अहसास होता है। भजन में शिव के चरणों में ध्यान लगाने और श्रद्धा से पूजा करने की प्रेरणा दी जाती है, ताकि जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति हो। इस भजन को सुनकर आप भगवान शिव की महिमा को महसूस कर सकते हैं।
गीत के बोल:
बैठा है कैलाश पर मेरा शिव भोला भंडारी,
गल सर्पो की माला शीश पे गंगा है धारी....
त्रिलोकी दो नयन खुले तो बरसे अमृत धार ,
तीसरा नेत्र खुले तो शिव का, पाप का हो संहार,
शिव भोला है भंडारी, मेरा भोला है भंडारी........
आदि अनादि भोले शंकर पग पग मिलते हैं चिंहा,
मस्त मगन बैरागी बाबा पल में रूठे पल में प्रसन्न,
शिव भोला है भंडारी सदा शिव भोला है भंडारी......
शिव पंथी जो जन हो जाए कलः क्लेश से मुक्ति पाए,
प्रातः सुमिरन करे जो शिव का, सुखमय दिन उसका कट जाए..
मेरा भोला है भंडारी महेश्वर भोला है भंडारी.......
शिव चरणो में ध्यान लगाओ, शिव तो स्वयं ही आएंगे,
श्रद्धा भक्ति से उन्हे मनाओ, बिगडे काम बनाएंगे,
मेरा भोला है भंडारी कैलाश्वर भोला है भंडारी,
मेरा भोला है भंडारी…..
देवो ने भी शिव को मनाया, पाने को वरदान,
शिव सन्यासी शिव वर्दानी, आशुतोष भगवान,
मेरा भोला है भंडारी सोमेश्वर भोला है भंडारी….
Credit Details :
Song: Kailash Parvat Par
Singer: Abhijit Ghoshal
Lyrics: Sudhakar Sharma
Music: Shoma Banerjee
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