M:- सारे रिश्तो में है अनूठा, भाई बहन का प्यार
अपनी बहना की रक्षा का,भाई उठाता भार
सदियों से ही बहती आई, प्रेम की पावन धार
इसी स्नेह की चमक बढाने, आता है हर बार
ये भाई दूज का त्यौहार ख़ुशी की लाये बहार -2
सारे रिश्तो में है अनूठा, भाई बहन का प्यार
अपनी बहना की रक्षा का,भाई उठाता भार
सदियों से ही बहती आई, प्रेम की पावन धार
इसी स्नेह की चमक बढाने, आता है हर बार
ये भाई दूज का त्यौहार ख़ुशी की लाये बहार -2
M:- बचपन के वो खेल खिलौने, बचपन की वो यादें
कभी रुठते बहना से कभी , उसको गले लगाते
बचपन के वो खेल खिलौने, बचपन की वो यादें
कभी रुठते बहना से कभी , उसको गले लगाते
लगती चोट जो भाई के तन पे,बहना आंसू बहाती
आज के दिन ये बीती बातें , बरबस याद आ जाती
ये भाई दूज का त्यौहार ख़ुशी की लाये बहार -2
M:- छोड़ तन्हा जाएगी जब, साजन के घर बहना
दर्द जुदाई का तब उस दिन, मुझे पड़ेगा सहना
छोड़ तन्हा जाएगी जब, साजन के घर बहना
दर्द जुदाई का तब उस दिन, मुझे पड़ेगा सहना
तन से दूरी हो जाए पर, मन ये सदा हो पास
मिलने हमसे आ जाना जब, मन तेरा हो उदास
ये भाई दूज का त्यौहार ख़ुशी की लाये बहार -2
सारे रिश्तो में है अनूठा, भाई बहन का प्यार
अपनी बहना की रक्षा का,भाई उठाता भार
सदियों से ही बहती आई, प्रेम की पावन धार
इसी स्नेह की चमक बढाने, आता है हर बार
ये भाई दूज का त्यौहार ख़ुशी की लाये बहार -2
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