Current Date: 19 Nov, 2024

बरसाने वाली

- Shri Deshmukh Vashisth


M:-    राधे तेरे नाम का सहारा ना मिलता भवर में ही रहते किनारा ना मिलता 
    राधे तेरे नाम का सहारा ना मिलता भवर में ही रहते किनारा ना मिलता 
    किनारे पे भी तो लेहेर आ डुबोती जिंदगी क्या होती कुछ भी ना होती 
    बरसाने वाली की रहमत ना होती जिंदगी क्या होती कुछ भी ना होती 

M:-    कहूंगा ना दुखड़ा अब मैं किसी से कहूं क्यों फ़साना अब मैं किसी से 
    कहूंगा ना दुखड़ा अब मैं किसी से कहूं क्यों फ़साना अब मैं किसी से 
    तेरी अगर नजरे निगाह बान होती जिंदगी क्या होती कुछ भी ना होती 
    बरसाने वाली की रहमत ना होती जिंदगी क्या होती कुछ भी ना होती 

M:-    नजरो में तुम हो नजारो में तुम हो जमी अस्मा में सितारों में तुम हो 
    नजरो में तुम हो नजारो में तुम हो जमी अस्मा में सितारों में तुम हो 
    तुम जो ना दिल की तारो में होती जिंदगी क्या होती कुछ भी ना होती 
    बरसाने वाली की रहमत ना होती जिंदगी क्या होती कुछ भी ना होती 
 

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