F:- सरस्वती माँ का रूप ज्ञान का तुम भंडार
महियर में माँ शारदा सजा तेरा दरबार
बन गया मुकद्दर जिस पे नजर तुमने डाली-2
अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
कोरस :- अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
F:- बन गया मुकद्दर जिस पे नजर तुमने डाली-2
अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
कोरस :- अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
F:- ज्ञान की देवी वीणा वादनी तुमसे मिलती राग रागिनी
अलादुद्दीन का नाम अमर है रहमत वाला तेरा दर है
वो सितार साधक तुमसे जो सीधी पा ली -2
अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
कोरस :- अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
F:- तुम कल्याणी तुम वरदानी वेदो ने तेरी महिमा बखानी
तेरी साधना करते करते दादा नीलकंठ हुए है ध्यानी
जीवन की चुनरिया भक्ति रंग में रंगवा ली -2
अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
कोरस :- अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
F:- जिसने भी की तेरी सेवा भक्ति उसको मिली जीने की शक्ति
निर्धन को तू दौलत बाँटे दुखियों के भव बंधन काटे
तेरे द्वार पर मिले सब लोगो को खुशहाली -2
अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
कोरस :- अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
F:- आल्हा भक्त को अमर बनाया तुमसे वो वरदान है पाया
संजो तुम्हारी गाथा गाये तुमसे निरंजन प्यार मँगाए
माँ तुमने किसी की कोई बात नहीं टाली-2
अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
कोरस :- अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
F:- बन गया मुकद्दर जिस पे नजर तुमने डाली-2
अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली
कोरस :- अब दया की दृष्टि हम पे करो महियर वाली -3
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