F:- माँ बमलेश्वरी के पावन पुण्य चरणों में संजो बघेल के श्रद्धा सुमन अर्पित है
प्रिय भक्तजनो बमलेश्वरी माता का मंदिर राज नाद गांव जिले में है जो
छत्तीसगढ़ जिले में आता है राजनाथ लगभग 60 65 किलोमीटर दूर है माता
ने इतने ऊपर अपना प्यार दरबार लगाया है जहाँ आसानी से जाना नहीं होता
ऊँची पहाड़ी पे 1600 फिट की ऊँची चोटी पर है माँ बमलेश्वरी का धाम
आइये कुछ और गाथा सुनते है माँ की -
कितना ऊँचा पर्वत कितनी ऊँची चोटी
कितना ऊँचा पर्वत कितनी ऊँची चोटी
इतनी ऊँची चोटी है लगती है स्वर्ग समान
डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
कोरस :- डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
F:- भक्तो की तकलीफ कम करने के हिसाब से कुछ वर्षो पहले रोप वे बनवा
दिया गया है रोप वे मतलब झूला पालकी जिसके सहारे काफी भक्तजन
1600 फुट ऊँची पहाड़ी पर पहुंच जाते है जहाँ का चित्र बहुत ही मनोरम है
यहाँ पर कुदरत के नजारे और भक्तो की भीड़ देखते ही बनती है माता
बमलेश्वरी का दरबार सदभाव के लिए जाना जाता है यहाँ पर एक सा भाव
रहता है सभी के लिए चाहे कोई अमीर हो या साधारण भक्त ऊँचे पर्वत पर
कितनी सीढिया है और क्या क्या है सुनिए -
बमलेश्वर का धाम है ये रहमत बरसाना काम है ये
बमलेश्वर का धाम है ये रहमत बरसाना काम है ये
कोई सीढिया चढ़के आते है कोई झूले से आ जाते है
कोरस :- कोई सीढिया चढ़के आते है कोई झूले से आ जाते है
F:- पर्वत पर खड़ी चढ़ाई सीधी भी हजार से ज्यादा
है जोश अगर दर्शन का दिल में मजबूत इरादा
जैसा कष्ट उठाये कोई जैसा कष्ट उठाये कोई
वैसा मिले वरदान डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
कोरस :- डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
F:- कुदरत की यहाँ बलिहारी है पर्वत पे छटा बड़ी प्यारी है प्राचीनकाल में
डूंगरगढ़ वैभवशाली कामाख्या नगरी के रूप में जाना जाता था एक कहावत
है मंदिर 2000 साल पुराना है माँ बमलेश्वरी के दर्शन मात्र से मुरादे पूरी होती
है यह शक्तिपीठ है मंदिर सुबह 4 बजे से ही खोला जाता है दोपहर एक से दो
तक पट बंद रहते है रात में 10 बजे तक ही भक्त दर्शन का लाभ लेते है
सिंदूरी रंग में सजी माँ बमलेश्वरी अनायास ही भक्तो का मन मोह लेती है चेत
और कवार में भक्त दूर दूर से आते है इन दोनों नवरात्रो में माँ का भव्य रूप
बहुत ही चर्चित रहता है आइये और क्या क्या है इस धाम में सुनते है -
कुदरत की यहाँ बलिहारी है पर्वत पे छटा बड़ी प्यारी है
कुदरत की यहाँ बलिहारी है पर्वत पे छटा बड़ी प्यारी है
भक्ति में दिल झूमे नाचे सुनके बढ़िया बाजे गाजे
कोरस :- भक्ति में दिल झूमे नाचे सुनके बढ़िया बाजे गाजे
F:- मौसम हो चाहे कोई हरदम छायी हरियाली
जलती है माँ की ज्योति हर दिन लगता दीवाली
मैया का जंगल में मंगल मैया का जंगल में मंगल
भक्त करे गुणगान डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
कोरस :- डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
F:- माँ बमलेश्वरी का मंदिर किसने बनवाया हम बताते है करीब ढाई हजार साल
पहले यहाँ एक राजा था जिसके कोई संतान नहीं थी उसने माँ दुर्गा और शिव
शंकर की पूजा अर्चना कई दिनों तक की फिर उसके आंगन में खिलकारी
गुंजी उसकी गद्दी संभालने वाला एक वारिस मिला उसने लड़के का नाम
मदन सेन रखवाया जिसने काफी समय तक यहाँ राज किया मदन सेन का
पुत्र कामसेन ने भी कई सालो तक राज चलाया वो राजा कौन था सुनिए
जिसने मंदिर बनवाकर धर्म लाभ प्राप्त की -
एक राजा के औलाद नहीं थी रहता था वो तो बहुत दुखी
एक राजा के औलाद नहीं थी रहता था वो तो बहुत दुखी
दुर्गा और शिव की सेवा किया सेवा का फल माता ने दिया
कोरस :- दुर्गा और शिव की सेवा किया सेवा का फल माता ने दिया
F:- एक बिट सेन था राजा जिसका महका था आँगन
किलकारी घर में गुंजी भर गया ख़ुशी से दामन
बीर सेन ने करवाया फिर बीर सेन ने करवाया फिर
मंदिर का निर्माण डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
कोरस :- डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
F:- एक इतिहास के अनुसार राजा कामसेन उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ही थे
कामसेन प्रतापी राजा थे बमलेश्वरी माता के आलावा यहाँ बजरंग बली का
मंदिर नाग वास की सीता और दादी माँ जैसे और भी मंदिर है उज्जैन के राजा
विक्रमादित्य की कुलदेवी माँ कही जाती है माता बमलेश्वरी इतिहासकारो ने
इस मंदिर को कलचुरी काल का माना है ऐसी अनेक कथाये है लेकिन माँ का
दरबार ऐसा शक्तिधाम है जहाँ आने से लोगो को सुख शान्ति प्राप्त होती है
तभी तो माता की जय जयकार देश और विदेशो में गूंज रही है सुनिए और
आगे -
हो चेत महीना या कवार यहाँ भक्तो का रहता त्यौहार यहाँ
हो चेत महीना या कवार यहाँ भक्तो का रहता त्यौहार यहाँ
दरबार बड़ा अलबेला है दिन रात यहाँ पर मेला है
कोरस :- दरबार बड़ा अलबेला है दिन रात यहाँ पर मेला है
F:- बमलेश्वरी माँ की चौखट यहाँ आकर शीश नवाओ
दुःख होते दूर निरंजन माँ से फ़रियाद लगाओ
बमलेश्वरी माँ का संजो बमलेश्वरी माँ का संजो
करना मन में ध्यान डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
कोरस :- डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
F:- कितना ऊँचा पर्वत कितनी ऊँची चोटी
कितना ऊँचा पर्वत कितनी ऊँची चोटी
इतनी ऊँची चोटी है लगती है स्वर्ग समान
डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
कोरस :- डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
डूंगरगढ़ वाली माता तेरा ऊँचा है स्थान
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