बम बम बम बम बोल रहा हूँ, मैं भी बन गया भोला,
सावन में भोले के दीवानों का निकला है टोला...
अजी बम बम बम बम बोले, कावड़िया मिलकर सारे,
धरती और गगन में गूंजे, शिव शंकर के जयकारे,
भड़क उठा है तन मन मे, शिव भक्ति का शोला,
सावन में भोले के दीवानों का निकला है टोला...
सोंचा था मैंने मैं भी, भोले का बनू कावड़िया,
हरिद्वार से गंगा जल की, मैं भर के लाऊं गगरियाँ,
शिव की डगरिया चलने को, मेरा भी मन है डोला,
सावन में भोले के दीवानों का निकला है टोला...
मस्ती में झूमे कोई, कोई ढपली झांझ बजाये,
कोई पाव में बांध के घुंघरू, कोई छम छम नाच नचाये,
एक ही रंग में रंग डाला, सबने अपना चोला,
सावन में भोले के दीवानों का निकला है टोला...
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