Current Date: 20 Nov, 2024

बैरीन भई घटा सावन

- Madhukar Kishore Das


M:-    कालिंदी कल कल करे बोलत कोयल मोर 
    पनघट पंछी बुलाते आओ नवल किशोर 

M:-    बैरीन भई घटा सावन की 
    बैरीन भई घटा सावन की 
    बरस बरस तरसाये 
    पिया गए परदेस सखी 
    सावन बिता जाये 
कोरस :-     सावन बिता जाये 

M:-    बैरीन भई घटा सावन की 
    बैरीन भई घटा सावन की 
    बरस बरस तरसाये 
    पिया गए परदेस सखी 
    सावन बिता जाये 
कोरस :-     हाय सावन बिता जाये 

M:-    कोयल बोली सावन आया 
    कोयल बोली सावन आया 
    काली घटा ने जल बरसाया 
    खबर पिया की कोई ना लाया 
    खबर पिया की कोई ना लाया 
    झूले पड़ गए वृन्दावन में 
    झूले पड़ गए वृन्दावन में 
    झूला कौन झुलाये 
    पिया गए परदेस सखी 
    सावन बिता जाये 
कोरस :-     हाय सावन बिता जाये 

M:-    सूना सावन सुने नैना 
    सूना सावन सुने नैना 
    सुना श्याम बिना अब रहना 
    कोई दिल की बात सुने ना 
    कोई दिल की बात सुने ना 
    कोयल पपीहा बैठ कदम्ब पर 
    कोयल पपीहा बैठ कदम्ब पर
    गीत मल्हार सुनाये 
    पिया गए परदेस सखी 
    सावन बिता जाये 
कोरस :-     हाय सावन बिता जाये 

M:-    काली घटा बिराज में छायी 
    काली घटा बिराज में छायी 
    तीज हरियाली लेकर आयी 
    ब्रिज की लता पता हरसायी
    ब्रिज की लता पता हरसायी
    सावन बीत गए बहो तेरे 
    सावन बीत गए बहो तेरे 
    मधुर श्याम नहीं आये 
    पिया गए परदेस सखी 
    सावन बिता जाये 
कोरस :-     हाय सावन बिता जाये 

M:-    बैरीन भई घटा सावन की 
    बैरीन भई घटा सावन की 
    बरस बरस तरसाये 
    पिया गए परदेस सखी 
    सावन बिता जाये 
कोरस :-     हाय सावन बिता जाये
M:-    हाय सावन बिता जाये
 

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