Current Date: 17 Nov, 2024

बहुत हो गया अब, सम्भालो कन्हैया

- संजय मित्तल


बहुत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
बचालो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया।।

तर्ज – नहीं चाहिए दिल दुखाना।

दरिया दुखों की में,
नैया चलाना,
कितना है मुश्किल,
प्रभु हमने ये जाना ,
दरिया सुखों की,
बहा दो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
बचालो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया।।

नहीं जग से आशा,
ना परवाह किसी की,
अगर तू है साथी तो ना,
चाहत किसी की,
मुझे अपना साथी,
बना लो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
बचालो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया।।

खुशियों से भर दो,
मेरा श्याम दामन,
हरो पाप सारे,
करो मुझको पावन,
‘नंदू’ गले से,
लगा लो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
बचालो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया।।

बहुत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
सम्भालो कन्हैया,
बचालो कन्हैया,
बहूत हो गया अब,
सम्भालो कन्हैया।।

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