Current Date: 18 Dec, 2024

बहंगी लचकत जाए (Bahangi Lachkat Jaaye)

- Akshra Singh


कांच ही बॉस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए ,
( बहंगी लचकत जाए ..)
पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये …
(दउरा घाटे पहुचाये … )

कांच ही बॉस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए ,
( बहंगी लचकत जाए ..)
पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये …
(दउरा घाटे पहुचाये … )..

दउरा में सजल बाटे फल फलहरिया,
पियरे पियर रंग शोभे ला डगरिया ,
दउरा में सजल बाटे फल फलहरिया,
पियरे पियर रंग शोभे ला डगरिया …

जेकर जाग जाला भगिया उह्हे छठ घाटे आये ,
(उह्हे छठ घाटे आये..)
पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये …
(दउरा घाटे पहुचाये … )..

छठी माई चहिहे न होई कवनो कमी,
घरवा में भरल रही अन्न धन लक्ष्मी,
छठी माई चहिहे न होई कवनो कमी,
घरवा में भरल रही अन्न धन लक्ष्मी…

अक्षरा करे ली पूजनीया,
गीत छठी माई के गाये ,
( बहंगी लचकत जाए ..)
कांच ही बॉस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए ,
( बहंगी लचकत जाए ..)
पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये …
(दउरा घाटे पहुचाये … )

छठी मैया के भजन :- 

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