Current Date: 17 Nov, 2024

बागवान

- Harish Kakda


M:-        जीना अब दुसरबार है संकट में संसार 
तूने बनायी है ते दुनिया तू सब का आधार है 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
हम बलाक है तेरे -२, तू दाता है सबका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 

M:-        अब तक बचाया तूने आगे भी बचाएगा 
संकट में तू सबका साथ निभाएगा 
अब तक बचाया तूने आगे भी बचाएगा 
संकट में तू सबका साथ निभाएगा 
जो ध्यान करे तेरा -२, तू हो जाए उसका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
हम बलाक है तेरे -२, तू दाता है सबका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 

M:-        इस धरती से तेरा सदियों से नाता है 
कभी राम बन के कभी श्याम बन के आता है 
इस धरती से तेरा सदियों से नाता है 
कभी राम बन के कभी श्याम बन के आता है 
विक्राम हुयी विपदा -२, अब नाश करो इसका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
हम बलाक है तेरे -२, तू दाता है सबका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 

M:-        इंसान केशव कितना घबरा रहा है 
मजबूर हो के तुझको देख रहा है 
इंसान केशव कितना घबरा रहा है 
मजबूर हो के तुझको देख रहा है 
सीने से लगा लो श्याम -२,मन घबराता इसका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका 
हम बलाक है तेरे -२, तू दाता है सबका 
वो बगिया क्या उजड़े तू बागवान जिसका -4

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