Current Date: 22 Dec, 2024

बद्रीनाथ मन्दिर (Badrinath Temple)

- The Lekh


बद्रीनाथ मन्दिर

बद्रीनाथ अथवा बद्रीनारायण मन्दिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों, चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण ७वीं-९वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं। मन्दिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बद्रीनाथ ही कहा जाता है। भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊँचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में, समुद्र तल से ३,१३३ मीटर (१०,२७९ फ़ीट) की ऊँचाई पर स्थित है। जाड़ों की ऋतु में हिमालयी क्षेत्र की रूक्ष मौसमी दशाओं के कारण मन्दिर वर्ष के छह महीनों (अप्रैल के अंत से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है। यह भारत के कुछ सबसे व्यस्त तीर्थस्थानों में से एक है; २०१२ में यहाँ लगभग १०.६ लाख तीर्थयात्रियों का आगमन दर्ज किया गया था।

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बद्रीनाथ मन्दिर में हिंदू धर्म के देवता विष्णु के एक रूप "बद्रीनारायण" की पूजा होती है। यहाँ उनकी १ मीटर (३.३ फीट) लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति है जिसके बारे में मान्यता है कि इसे आदि शंकराचार्य ने ८वीं शताब्दी में समीपस्थ नारद कुण्ड से निकालकर स्थापित किया था। इस मूर्ति को कई हिंदुओं द्वारा विष्णु के आठ स्वयं व्यक्त क्षेत्रों (स्वयं प्रकट हुई प्रतिमाओं) में से एक माना जाता है। यद्यपि, यह मन्दिर उत्तर भारत में स्थित है, "रावल" कहे जाने वाले यहाँ के मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य के नम्बूदरी सम्प्रदाय के ब्राह्मण होते हैं। बद्रीनाथ मन्दिर को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार अधिनियम – ३०/१९४८ में मन्दिर अधिनियम – १६/१९३९ के तहत शामिल किया गया था, जिसे बाद में "श्री बद्रीनाथ तथा श्री केदारनाथ मन्दिर अधिनियम" के नाम से जाना जाने लगा। वर्तमान में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा नामित एक सत्रह सदस्यीय समिति दोनों, बद्रीनाथ एवं केदारनाथ मन्दिरों, को प्रशासित करती है।

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विष्णु पुराण, महाभारत तथा स्कन्द पुराण जैसे कई प्राचीन ग्रन्थों में इस मन्दिर का उल्लेख मिलता है। आठवीं शताब्दी से पहले आलवार सन्तों द्वारा रचित नालयिर दिव्य प्रबन्ध में भी इसकी महिमा का वर्णन है। बद्रीनाथ नगर, जहाँ ये मन्दिर स्थित है, हिन्दुओं के पवित्र चार धामों के अतिरिक्त छोटे चार धामों में भी गिना जाता है और यह विष्णु को समर्पित १०८ दिव्य देशों में से भी एक है। एक अन्य संकल्पना अनुसार इस मन्दिर को बद्री-विशाल के नाम से पुकारते हैं और विष्णु को ही समर्पित निकटस्थ चार अन्य मन्दिरों – योगध्यान-बद्री, भविष्य-बद्री, वृद्ध-बद्री और आदि बद्री के साथ जोड़कर पूरे समूह को "पंच-बद्री" के रूप में जाना जाता है।

Badrinath Temple

Badrinath or Badrinarayan Temple is a Hindu temple located on the banks of the Alaknanda River in the Chamoli district of the Indian state of Uttarakhand. It is a temple dedicated to the Hindu deity Vishnu and the place is one of the most sacred places described in the religion, the Char Dhams. It is an ancient temple with evidence of its construction dating back to the 7th-9th centuries. The city around it is also called Badrinath after the name of the temple itself. Geographically, the place is situated at an altitude of 3,133 meters (10,279 ft) above sea level, in the Garhwal region, amidst the high peaks of the Himalayan range. The temple remains open only for a limited period of six months of the year (late April to early November) due to the harsh weather conditions of the Himalayan region during the winter season. It is one of the busiest pilgrimage centers in India; About 10.6 lakh pilgrims were recorded here in 2012.

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The Badrinath temple worships "Badrinarayan", a form of Hindu deity Vishnu. There is a 1 meter (3.3 ft) tall statue of him made of Shaligram, which is believed to have been installed by Adi Shankaracharya in the 8th century from the nearby Narad Kund. This idol is considered by many Hindus to be one of the eight Swayam Vyakta Kshetras (self-manifested images) of Vishnu. Although this temple is located in northern India, the head priest, called "Raval", is a Brahmin from the Namboodiri sect of the southern Indian state of Kerala. The Badrinath Temple was included in the Uttar Pradesh State Government Act - 30/1948 under the Temple Act - 16/1939, which later came to be known as the "Shri Badrinath and Shri Kedarnath Temple Acts". Presently, a seventeen-member committee nominated by the Government of Uttarakhand administers both the Badrinath and Kedarnath temples.

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The mention of this temple is found in many ancient texts like Vishnu Purana, Mahabharata and Skanda Purana. Its glory is also described in the Nalayir Divya Prabandha composed by the Alvar saints before the eighth century. The city of Badrinath, where this temple is located, is also counted among the smaller Char Dhams apart from the holy Char Dhams of Hindus and is also one of the 108 divine places dedicated to Vishnu. According to another concept, this temple is called by the name of Badri-Vishal and the whole group is called "Panch-Badri" by adding four other nearby temples dedicated to Vishnu - Yogdhyan-Badri, Bhavishya-Badri, Vriddha-Badri and Adi Badri. is referred to as.

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