सज धज के घर मेरे आयी है माँ बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
शेर सवार होक आयी है माँ बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
चंदा के जैसी बिंदिया है माँ की नाक की नथनी तारो जैसी
कानो में झुमके हाथो में चूड़ागले में हार साजे नैनो में कजरा
सोलह श्रृंगार करके आयी है माँ बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
हाथो में मेहँदी शस्त्र सजाये शेर पे बैठी मैया मुस्काये
पेरो में पायल छन छन बजेगी मैया सभी के संकट हरेगी
दर्शन देने आज आयी है माँ बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
लाल चुनरिया सर पे सजा के सिंह पे सवार हो आयी गुफा से
मैया के चरणों से शीश झुका के राजीव हुआ धन्य दर्शन पाके
झोली सभी की भरने आयी है माँ बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
सज धज के घर मेरे आयी है माँ बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
शेर सवार होक आयी है माँ बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोनी लागे
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