Current Date: 18 Dec, 2024

बड़ी देर भई

- SHABBIR KUMAR


M:-    ओ बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 
कोरस :-    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला

M:-    ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे कहाँ है मुरली वाला रे
कोरस :-    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 
    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 

M:-    कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में,तुझ बिन कलियाँ चुनने को 
कोरस :-    तुझ बिन कलियाँ चुनने को 
M:-    तरस रहे हैं…………
    तरस रहे हैं जमुना के तट,धुन मुरली की सुनने को 
कोरस :-    धुन मुरली की सुनने को 
M:-    अब तो दरस दिखा दे नटखट,क्यों दुविधा में डाला रे
कोरस :-    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 
    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 


M:-    संकट में है आज वो धरती,जिस पर तूने जनम लिया
कोरस :-    जिस पर तूने जनम लिया 
M:-    पूरा कर दे ओ ................
    पूरा कर दे आज वचन वो,गीता में जो तूने दिया 
कोरस :-    गीता में जो तूने दिया 
M;-    कोई नहीं है तुझ बिन मोहन,भारत का रखवाला रे 
    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 
कोरस :-    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 
    बड़ी देर भई नंदलाला,तेरी राह तके बृजबाला 
 

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