Current Date: 17 Nov, 2024

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाएँ (Baba Ye Naiya Kaise Dagmag Doli Jaye)

- Sanjay Mittal


बाबा ये नैया कैसे, डगमग डोली जाएँ,
बिन माझी पतवार के इसको, तू ही पार लगाए,
बाबा ये नैया कैसे, डगमग डोली जाएँ,

दूर दूर नहीं दिखे किनारा, लहरे भी बिसराएँ,
बादल भी है गरज रहे और, मुझको रहे डराए,
जब कि मैं ये सोच रहा हूँ, अब आए तब आए,
बाबा ये नैयाँ कैसे, डगमग डोली जाए,
बिन माझी पतवार के इसको, तू ही पार लगाए,
बाबा ये नैयाँ कैसे, डगमग डोली जाएँ,

दुनिया है इक रंग मंच और, तू इसका निर्देशक,
तू ही बनाए तू ही मिटाए, तू ही इसका विशेषज्ञ,
फिर क्यों ये तेरे हाथ के पुतले, मुझको आँख दिखाए,
बाबा ये नईया कैसे, डगमग डोली जाए,
बिन माझी पतवार के इसको, तू ही पार लगाए,
बाबा ये नैया कैसे, डगमग डोली जाएँ,

तुझको ही मैं समझूँ अपना, बाकी सब है पराए,
तेरे हाथों सबकुछ सम्भव, तू ही लाज बचाए,
कर दे एक इशारा नैया, पार मेरी हो जाए,
बाबा ये नैयाँ कैसे, डगमग डोली जाए,
बिन माझी पतवार के इसको, तू ही पार लगाए,
बाबा ये नैया कैसे, डगमग डोली जाएँ,

तीन बाण तरकश में तेरे, चले तो ना रुक पाएँ,
भेदे तू पत्तो की तरह फिर, कोई भी ना बच पाए,
भेदो तुम ‘निर्मल’ की विपदा, पास मेरे ना आएं,
बाबा ये नईया कैसे, डगमग डोली जाए,
बिन माझी पतवार के इसको, तू ही पार लगाए,
बाबा ये नैया कैसे, डगमग डोली जाए,
बाबा ये नैया कैसे, डगमग डोली जाए,
बिन माझी पतवार के इसको, तू ही पार लगाए,
बाबा ये नैया कैसे, डगमग डोली जाएँ,

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