बाबा फागण के लिए,
कर राखी तैयारी है,
झोली भर ली रंग से,
हाथां में पिचकारी है,
सारी दुनिया के रंगरेज,
सारी दुनिया के रंगरेज,
अबकी तेरी बारी है,
बाबा फागण के लिये,
कर राखी तैयारी है।।
तर्ज – बापू सेहत के लिए।
रंग उड़े हुड़दंग मचेगा,
बाबा तेरे अंगना,
होगी सबकी यही तमन्ना,
सांवलिये तुझे रंगना,
अगले फागण तक भी,
ना छूटे ये खुमारी है,
लालो लाल हो जाए,
लालो लाल हो जाए,
जो सुरतिया कारी है,
बाबा फागण के लिये,
कर राखी तैयारी है।।
तेरी नगरी में फागण की,
छटा दिखेगी न्यारी,
आसमान नवरंग दिखेगा,
हवा बहेगी प्यारी,
फागण का रसिया तू मेरा,
श्याम बिहारी है,
तुमसे मिलने के लिए,
तुमसे मिलने के लिए,
मेरो चाव भारी है,
बाबा फागण के लिये,
कर राखी तैयारी है।।
‘गोलू’ को तेरे रंग में रंग ले,
ऐसे श्याम मुरारी,
तेरे ही रंगो में दिखे,
हमको दुनिया सारी,
प्रेम का धागा बंधा रहे,
ये अर्ज हमारी है,
सारी दुनिया से जुदा,
सारी दुनिया से जुदा,
अपनी रिश्तेदारी है,
बाबा फागण के लिये,
कर राखी तैयारी है।।
बाबा फागण के लिए,
कर राखी तैयारी है,
झोली भर ली रंग से,
हाथां में पिचकारी है,
सारी दुनिया के रंगरेज,
सारी दुनिया के रंगरेज,
अबकी तेरी बारी है,
बाबा फागण के लिये,
कर राखी तैयारी है।।
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